Mental Health: जिंदगी एक सी कभी नहीं रहती। यह एक ऐसा सच है जिसे अक्सर हम भूल जाते हैं। कभी आपको लगता है कि चीजें इतनी भी मुश्किल नहीं कि उसे पूरा न किया जा सके तो कभी उसी मन की स्थिति आपकी इस मनोदशा के विपरीत होती जाती है। हद तो तब होता है आपके अपने ही विचार आपको ऐसे भावुक कर देते हैं कि आपको खुद पर ही संदेह होने लगता है। आप बाद में जब कभी अपनी उन बातों को सोचते हैं तो हैरान भी होते हैं पर यही तो है मन का खेल। आप खुद ही अपने बारे में सोचने पर विवश हो जाते हैं और यह नहीं समझ पाते कि अचानक किसी पल में इतना क्रोध या आवेग आखिर कहां से आ गया।
भावनात्मकक बुद्धि
आमतौर पर मुश्किल क्षणों में इस बात की आशंका प्रबल होती है कि आप खुद की तुलना उन लोगों से करने लगते हैं जो आपसे बेहतर हैं। अपना आपा नहीं खोते ऐसे मुश्किल क्षणों का बेहतरीन प्रबंधन कर पाते हैं। यहां अमेरिकी मनोवैज्ञानिक डेनियन गोलमैन के अनुसार, यही है भावनात्मकक बुद्धि जो किसी भी इंसान को ऊंचाई पर पहुंचा सकता है। ऐसा इंसान कभी क्रोध या खुशी के अधीन होकर अनुचित कदम नहीं उठाता, क्योंकि उसका अपनी भावनाओं या स्वयं पर जबरदस्त नियंत्रण होता है।
रिश्ते होते हैं बेहतर
भावनात्मिक बुद्धि इंसान की वह क्षमता है जिसकी मदद से वह अपनी भावनाओं का आकलन कर सकता है और परिस्थिति को खुद पर हावी होने देने से बचा पाता है। आपकी भावनात्मक बुद्धि अच्छी है और मजबूत है तो यकीनन आपके आपसी रिश्ते भी बेहतर व शानदार होते हैं। दरअसल, आप दूसरों की भावनाओं और संवेदनाओं को समझते हैं और संवेदनशील भी होते हैं। केवल पारिवार या समाज में ही नहीं आप अपने कार्यक्षेत्र में भी बेहतरीन परफॉर्मेंस कर सकते हैं। आपने यह पाया होगा कि इन दिनों नौकरियों के लिए आयोजित साक्षात्का्र में व्याक्ति के भावनात्ममक बुद्धि का भी परीक्षण होता है।
कैसे करें अभ्यास ताकि भावनात्मक बुद्धि बेहतर हो
हमेशा याद रखें भावनाओं का निर्माण विचारों से होता है। इसलिए इस पर नजर रखें कि आपके विचार स्वकेंद्रित तो नहीं। विचार श्रेष्ठ होंगे तभी वे लोकोपकारी होंगे और आपकी भावनाएं संतुलित और संयमित।
शांत ध्यान की मुद्रा में बैठ जाएं। जो कुछ घटा है उसे भीतर महसूस करें। सभी प्रतिक्रियाओं को तटस्थ भाव से देखें, उन पर विचार करें। प्रतिक्रिया से हर हाल में बचने का अभ्यास करें।
मन में जो कुछ नकारात्मरक विचार आते हों, आपको उन्हें हावी नही होने देना है। उन्हें बस नोटिस करना है।
आपको कैसा व्यहवार करना है या चाहिए, यह समझ गए तो इसका अभ्यास आज से ही शुरू कर दें।